क्यों ना मन्दिर खुले,न गुरुद्धारे
क्यों न पीपल जल रहे दीप थारे।
न मन्त्र भजन हो रहे आज कहीं
क्यों न हो रहे आज कहीं भंडारे।।
डर का आतंक फैला चारों ओर
कोरोना कोरोना मच रहा शोर।
बढ़ रहे मरीज दिन ओर रात
हर मनुष्य कोशिश नहीं पा रही छोर।।
नहीं मिल रही कोई ढूंढे दवा
भृमित है,सारे डॉक्टर विज्ञान।
कभी कुछ कहते कभी नही कहते
सब कुंठित मानव ज्ञान मान।।
जो रह रहे मन्दिर मस्ज़िद
वही पूजा कर रहे डरे डरे।
पुकार रहे अल्लाह ईसा
करके दीप कह जय हरे हरे।।
सोचा क्यों है आज ऐसा?
की ये सब हो रहा ईश्वर होते।
कैसे शैतान की चल रही मर्जी
की बीत रहे दिन रात रोते सोते।।
कब खुलेगा ये लॉक डाउन
कब होगा वो खुशनुमा सवेरा।
कब मिल पाएंगे, अपनों से हम
कब मिटे कोरोना गुप्प अंधेरा।।
इस बात पर तुम सब गोर करो
की कहीं वही तो नही नाराज।
बिन उसकी मर्जी न हिले पत्ता
जिसे कहते ख़ुदा भगवान कर नाज।।
कपटी बन गए मठाधीश
योगी बन गए आज भोगी।
प्रेम नाम है बदनामी बढ़ी
सत्संग कर रहे भेष बदले जोगी।।
योग सीखा रहे,बिन नियम पालन
मन्त्र बन गए शोर के गीत।
तपस्या हो गयी घर आंगन
भक्ति बन गयी उद्दाम संगीत।।
मन्दिर बन गए व्यापारिक स्थल
धर्म पद बिक गए माया के लोभ।
आश्रम भर गये सुख सुविधा
कांवर ज्योत लाते,जन बढ़ाते क्षोभ।।
पति पत्नी के बीच है वो
जाने कहाँ गया सच्च विश्वास खो।
पिक्चर टीवी मोबाइल भर गए
भय कपट बुराई की रों।।
नहीं ले रहा वह तुम कपटी दान
नही ले रहा वो मतलबी दुआ।
नहीं आने दे रहा वो बुरी नियत तुम
ना स्वीकार उसे तुम माल पुए।।
यो हटा दिए तुम मन्दिर से
यूँ रोक दिए तुम मस्ज़िद आने।
रोक दो इन्हें ओ कोरोना प्यारे
मुझे सुनने नहीं, इनके भजन गाने।।
गुरु संग कपट मित्र संग चोरी
बुरी नजर में बहु सब छोरी।
भोगी मन तन संग सब ज्ञान
जप तप बंधे लोभ की डोरी।।
जैसा कर्म वैसी ही भरनी
बोया शूल मिले कांटे खिरनी।
जीव हत्या है मौज की भूख
तो पाओ आज उस विनाश की करनी।।
अभी तो केवल शुरुवात हुई
देखते जाओ खुदा का कहर।
कोरोना से जब निपटोगे
तभी दो और आएंगे फैलाने मौत का जहर।।
यो मांगना शुरू कर दो माफी
की जो जो किये है पाप हमने।
वो माफ़ करें हम इष्ट भगवान
अब उन्हीं नियम चलेंगे जो बनाये तुमने।।
शुद्ध कमाई दान करो
ओर प्रेम से करो भाईचारा।
सच्चे ह्रदय मन्त्र जपो
अपनी अच्छी कमाई से करो अन्न भंडारा।।
ये प्रार्थना ही दिन रात करो
ओर ह्रदय से करते हुए पुकार।
तभी वो मात पिता ईश्वर
तुम्हें क्षमा कर देगा सुख जीवन भर प्यार।।
जय सत्य ॐ सिद्धायै नमः
स्वामी सत्येन्द्र सत्यसाहिब जी
Www.satyasmeemission.org