अंतर्राष्टीय व राष्टीय वाहन चालक प्रमाणपत्र दिवस world Driver’s license day चालक अनुज्ञापत्र दिवस यानी राष्टीय ड्राइविंग लाइसेंस दिवस 20 मई पर ज्ञान कविता,,
यो इस दिवस पर स्वामी सत्येंद्र सत्यसाहिब जी की प्रेरक कविता इस प्रकार से है कि,
वाहन ड्राइविंग लाइसेंस यानी Driver’s license चालक अनुज्ञापत्र ,भारतीय संसद द्वारा पारित का एक अधिनियम है जो 20 मई, 1961 में पारित होकर अनेक बार संशोधित होकर सड़क परिवहन वाहनों के सभी पहलुओं को नियंत्रित करता है। अधिनियम में जन साधारण ड्राइवर / कंडक्टरों के लाइसेंस, मोटर वाहनों के पंजीकरण, परमिट के माध्यम से मोटर वाहनों पर नियंत्रण, राज्य परिवहन उपक्रमों से संबंधित विशेष प्रावधान, यातायात विनियमन, बीमा, देयता, अपराध और दंड, आदि के बारे में विधायी प्रावधान दिए गए हैं। अधिनियम के विधायी प्रावधानों का प्रयोग करने के लिए, भारत सरकार ने केंद्रीय मोटर वाहन नियम 1989 बनाया है। इसका पालन करने पर सभी वाहन चालक ओर सभी सड़क पर चलते यात्री सुरक्षित रहते है।
यो इस Driver’s license यानी चालक अनुज्ञापत्र दिवस पर स्वामी सत्येंद्र सत्यसाहिब जी की प्रेरक कविता इस प्रकार से है कि,
अंतर्राष्टीय वाहन चालक प्रमाण दिवस पर ज्ञान कविता
वाहन चलाना एक कला है
ये बिन आये बड़ी हानिकारक।
आप चोट संग दूजे जान खतरा
इसी कला सीखने बनो प्रमाणधारक।।
इसी संदर्भ में सरकार नियम है
कैसे किस वाहन को चलाये हम।
सड़क नियम का ज्ञान साथ लें
परीक्षा दे वाहन चालक प्रमाण लें हम।।
नियमपत्र भर शुल्क जमा करो
ओर तिथि लेकर परीक्षा दो चालन।
सीखों वाहन शिक्षक से शिक्षा
तब परीक्षा उत्तरीण करो वाहन।।
आयु अठारह हो अवश्य तुम्हारी
ओर नेत्र द्रष्टि हो स्प्ष्ट सुद्रढ़।
ताकि आते जाते वाहन स्प्ष्टता से देखो
ओर बचो बचाओ बिन किये लधड़पधढ़।।
छल प्रपंच से नहीं बनवाना
वाहन चालक प्रमाणपत्र।
वरना बिन नियम चलाकर वाहन
चोट पहुँचाओ निज सबको यत्र-तत्र।।
आज ही बनवाओ प्रमाणपत्र अपना
देकर वाहन परीक्षा चालन।
फिर चलाओ नियम से दूर सैर कर
सुरक्षित रह यातायात नियम कर पालन।।
जय सत्य ॐ सिद्धायै नमः
स्वामी सत्येंद्र सत्यसाहिब जी
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