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4 मई 2017 बैशाख शुक्ल नवमी भगवती सीता जनमोदिवस पर सत्यास्मि मिशन रचित इस श्रीमद् माँ सीता महिमा आरती के साथ सभी को शुभकामनाएं:


?आरती महिमा श्रीमद् सीता माँ?
ॐ जय सीता माता,माता जय सीता माता..
तुम हो ईश्वरी जग की-2,श्री राम आराध्याता..ॐ जय सीता माता..
आदि लक्ष्मी रूपा,तुम धरा पुत्री धरती-2..माता जय..
नंदनी जनक जानकी-2,ब्रह्म विद्या की दाता..ॐ जय सीता माता।
परुषराम शिव धनुष की सेवक,नित पूजक शिव गौरी-2..
धन्य धन्य त्रिदेवी-2,तुम विष्णु प्रिया बोहरी..ॐ जय सीता माता।
अगहन शुक्ल पंचमी विवाह है, सिया राम नरोधारी-2..माता..
कौशल्या केकयी सुमित्रा-2,दशरथ की प्यारी..ॐ जय सीता माता।
लक्ष्मण भरत शत्रुघ्न से है,महातपी देवर-2..माता..
उर्मिला मांडवी श्रुतकीर्ति-2,तीन बहिन ये वर..ॐ जय सीता माता।
दशरथ पिता के वर रक्षा को,श्री राम राज्य त्यागें-2,
पति संग चली सिया भी-2,सेवक बन आगे..ॐ जय सीता माता।
जंगल में सुपर्णखा आयी,करे सिया अपमान-2..माता..
काटी नाक लक्ष्मण ने-2,बढ़ा विवाद महान..ॐ जय सीता माता।
सुपर्णखा अपमान के बदले,करे रावण छल सिया संग-2..माता..
भिक्षा आड में बढ़कर-2,मर्यादा की भंग..ॐ जय सीता माता।
सीता पतिव्रता महानारी,चली रावण बन कर काल-2..माता..
अशोका वन किया पावन-2,जपे राम नाम विशाल..ॐ जय सीता माता।
हनुमान आये सिया ढूढ़न,दी राम अंगूठी ज्ञान-2..माता..
आज्ञा ले माँ सीता-2,ध्वंश लंका रावण मान.,ॐ जय सीता माता।
वर में हनुमान जी पाये,श्री राम सेवा का मान-2..माता..
अष्ट सिद्धि नव निधि के दाता-2,फले सीता माँ वरदान..ॐ जय सीता माता।
त्रिजटा भक्त विभीषण पुत्री,दिया सेवा का फल-2..माता..
कलियुग में पूजा हो-2,वरदायी सुहाग अचल..ॐ जय सीता माता।
रावण उद्धार हुआ सीता माँ,श्री राम हाथ हो वध-2..माता..
अग्नि परीक्षा दे कर-2,जग सीता हुआ महापद..ॐ जय सीता माता।
श्री राम पति पर लांछन आया,पर उपयोगी नारी दोष-2..माता..
सीता थी गर्भधारी-2,त्याग किया वन रोष..ॐ जय सीता माता।
वाल्मीकि ले शरण आश्रम,किया जीवन वन बीत-2..माता..
लव कुश पुत्र को जन्में-2,उन्हें ज्ञान दिया जगजीत..ॐ जय सीता माता।
राम राज्य के जग विस्तारे,हुआ विजय श्री यज्ञ-2..माता..
इस अश्वमेघ यज्ञ का घोड़ा-2,पकडें लव कुश विज्ञ..ॐ जय सीता माता।
इस युद्ध पराजय हुये धुरंधर,सभी राम के वीर-2..माता..
यही है सीता तप बल-2,जिसे धारण लव कुश धीर..ॐ जय सीता माता।
श्री राम जब समर में आये,तब लव कुश हुआ विवाद-2..माता..
पिता पुत्र के मध्य में-2,सीता हुया विषाद..ॐ जय सीता माता।
तब दिया पिता पुत्र परिचय,एक दूजे गोरव ज्ञान..माता..
समा गयी माँ धरा में-2,श्री राम का कर मन ध्यान..ॐ जय सीता माता।
महातपी है महासती है,जगजन्नी सीता नार..माता..
जो करता है ध्यान तुम्हारा-2,वर पाये चतुर्थ अपार..ॐ जय सीता माता।
जो करे आरती पूजा नित दिन,नर पाये सर्व विद्य ज्ञान..माता..
रहे सुहागन नारी-2,मनवांछित पा वरदान..ॐ जय सीता माता।
बोलो?-सीता माता की जय?

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