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सत्य ॐ पूर्णिमाँ चालीसा-आरती


।।दोहा।।
सत्य ॐ सत्य नाम ले,करूँ सत्य का ध्यान।
सत्य ॐ आशीष है,यही ब्रह्म शक्ति सत् नाम।।
सत्य ॐ साकार है, सत्य ॐ निराकार।
सत्य ॐ जीवन जग,सत्य ॐ नर नार।।
।। चालीसा।।
जय सत्य ॐ पूर्णिमाँ सर्व दाता,पूर्ण मंत्र यही सर्व मंत्र माता।
लो चलते फिरते सत्य ॐ नाम,कुछ रुके नही होवे सब काम।।
भीषण विपदा जब भी आवे,सत्य ॐ एक नाम ही गावे।
रटंत बना लो इसको भाई,सत्य ॐ नाम है यही कमाई।
सत्य ॐ सागर में गोते कर लो,सोचा मिले हर क्षण सुख भर लो।
अनंत ईश का एक ही नाम,सत्य ॐ जप ह्रदय रख ध्यान।
जप भी डर से मनवा कांपे.भुत प्रेत का डर ही भांपे।
कर लो तुरंत सत्य ॐ का जाप.कटे दुःख हो सुख का वास।
करते वंदन शिव के नंदन,जपे राम भी यही कर अभिनंदन।
कटे नही जब रोग किसी से,सत्य ॐ मंत्र जपो तभी से।
देखोगे तुम अद्धभुत चमत्कार,काया सुंदर महासुखाकार।
धन की आवे जब भी कमियां,संतति सुख पर दे ताने दुनियां।
शरण लो सत्य ॐ द्धार,सब सुख मिले खुले भंडार।
विष्णु करें नारद से चर्चा,यही नाम सत्यनारायण भर्ता।
वेद मूल सत्य ॐ भगवान,भज त्रिदेव हुए महान।
सत्य ॐ सत्य ॐ सुंदर राग,जप बने रंक राजा खुल भाग।
यही नाँद सुन योगी ध्यावे,मिले मोक्ष परम् पद पावे।
सत्य ॐ सत्य ॐ जपो हमेशा,सुख जीवन पा कटे कलेशा।
ध्याओ सत्य ॐ पढ़ो नित बार,मिले बल बुद्धि सुख भरमार।
जो सत्य ॐ सत्येश्वर ध्यावे,वो सत्यई श्री विद्या पावे।
सब मंत्रो का सत्य ॐ सार,गायत्री का सत्य ॐ आधार।
राम ही सत्य कृष्ण ही ॐ,सरस्वती लक्ष्मी काली ही सत्य ॐ।
शिव शक्ति का यही सहारा,यही सत्य ॐ नाम हमारा।
मिटे संकट जिसका जिसका जप पर जोर,सत्य ॐ मन में भरें है भौर।
जहाँ नाम सत्य ॐ का वासा,जगे ज्योत ह्रदय में आशा।
कलियुग का यही बस यही आधार,सत्य ॐ करें सपना साकार।
सत्य नामी और ॐ है नाम,सत्य साई है ॐ भगवान।
जोर जोर से जपो सत बारा,ॐ ॐ सत्य ॐ हमारा।।
दिव्य प्रेम सत्य ॐ जगावे,आत्म रूप मिल दिव्यता पावे।
छिटके मुख पर हँसी सुहानी,मन सत्य ॐ गा बने रूहानी।
सीता राम कृष्ण और राधे,सत्य ॐ श्री भग पीठ आद्ये।
जो करे सत्य ॐ मंत्र अनुष्ठान,सधे वीर भैरो हनुमान।
मन दुखी हो जब छूटे धीर,सत्य ॐ जपो होकर अधीर।
मिले सभी जो छूटा अपना,सत्य ॐ नाम का अमृत चखना।
सत्य ॐ शिव शक्ति ओंकार,सत्य ॐ अर्द्धनारीश्वरर्वावतार।
सत्य चैतन्य है ओंकार है शक्ति,ब्रह्मा विष्णु इसकी करते भक्ति।
काली तारा छिन्नमस्ता भुवनेश्वरी,सत्य ॐ बना ब्रह्मशक्तैश्वरी।
षोढ़षी त्रिपुरा धूमा बगलामुखी,सत्य ॐ लगा इन्हें जपो हो सुखी।
मातंगी कमला पूर्णिमाँ को ध्यावे,दसों विद्या में सत्य ॐ ही पावे।
सत्य ॐ चालीसा नर नारी गावे,भक्ति शक्ति आत्म मोक्ष पावे।।
।।दोहा।।
शरीर बसे दस प्राण है यही दस है विद्या,सत्य ॐ शक्ति मूल है यही पूर्णिमाँ महाविद्या।
जपो नित अखंड सत्य ॐ जप,तरे तन मन प्राण,जीवन हो चहूँ ओर सुखी मिले सर्व सुख सम्मान।।
?सत्य ॐ पूर्णिमाँ चालीसा सम्पूर्ण?
?सत्य ॐ पूर्णिमाँ आरती?
ॐ जय सत्य ॐ पूर्णिमाँ,देवी जय सत्य ॐ पूर्णिमाँ।
जो कोई तुम को ध्याता-2,ब्रह्म शक्ति पाता…देवी जय सत्य ॐ पूर्णिमाँ।।
जो करता है ध्यान तुम्हारा,नित सुख वो पाता..देवी-2
जिस चित छवि तुम्हारी-2,सुख सम्पत्ति पाता..देवी जय सत्य ॐ पूर्णिमाँ।।
ॐ नाम की परब्रह्म तुम हो,ब्रह्म शक्ति दाता-देवी-2
त्रिगुण तुम में बसते-2,तुम आदि माता…देवी जय सत्य ॐ पूर्णिमाँ।।
अखंड मंत्र का जाप करे जो,मुँह माँगा पाता-देवी-2
ऋद्धि सिद्धि हो दासी-2,सिद्ध हो वो पूजता…देवी जय सत्य ॐ पूर्णिमाँ।।
कोई देव हो या हो देवी,सब रमते तुममें-देवी-2
धर्म अर्थ मिल काम मोक्ष हो-2,जो ध्याता तुम में…देवी जय सत्य ॐ पूर्णिमाँ।।
जो कोई करे आरती हर दिन,कष्ट मिटे उसके-देवी-2
रख जल चरण तुम्हारे-2,जो कहे सिद्ध तब से…देवी जय सत्य ॐ पूर्णिमाँ।।
सिद्ध चिद्ध तपि हंसी युग चारो,श्री भग पीठ निवास-देवी-2
जल सिंदूर जो चढ़ाये-2,सुख चार नवरात्रि विकास…देवी जय सत्य ॐ पूर्णिमाँ।।
अखंड दीप पूर्णमासी करे जो,मुँह माँगा पाता-देवी-2
हर माह करे जो ऐसा-2,परम् पद वो पात…देवी जय सत्य ॐ पूर्णिमाँ।।
वाम भाग में शक्ति बसती,उत्तर बसे हरि-देवी-2
शिव संकल्प तुम्हारे-2,जो कहो ब्रह्म करी…देवी जय सत्य ॐ पूर्णिमाँ।।
बोलो?जय सत्य ॐ पूर्णिमाँ की जय?
बोलो?सत्य ॐ सिद्धायै नमः ईं फट् स्वाहा
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