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केवल 15 मिनट करने के 15 व्यायाम की विश्व मे सर्वाधिक प्राचीन भारतीय व्यायाम पद्धति-सत्यास्मि मिशन की असाधरण बल और स्वास्थवर्धक खोज- पफ़्स्शी-योग यानी असाधारण शक्तिवर्द्धक व्यायाम पद्धति,इसके विषय मे बता रहें है,महायोगी स्वामी सत्येंद्र सत्यसाहिब जी….

केवल 15 मिनट करने के 15 व्यायाम की विश्व मे सर्वाधिक प्राचीन भारतीय व्यायाम पद्धति-सत्यास्मि मिशन की असाधरण बल और स्वास्थवर्धक खोज- पफ़्स्शी-योग यानी असाधारण शक्तिवर्द्धक व्यायाम पद्धति,इसके विषय मे बता रहें है,महायोगी स्वामी सत्येंद्र सत्यसाहिब जी….

अनादिकाल से मनुष्य के विकासक्रम के साथ साथ दो प्रकार की शक्तिवर्धक व्यायाम प्रणाली का विकास हुआ है-
1-आध्यात्मिक व्यायाम प्रणाली जो आज का प्रचलित 84 आसन व योग ओर प्राणायाम विद्या है।
2-शारारिक स्वस्थ की उच्चतम स्तर तक असाधारण बलवर्धक व्यायाम पद्धति, जो केवल बल प्रदर्शन करने वाले पहलवानो व राजा महाराजाओ व युद्वकलाओ के जानने वाले लोगो मे ही गुप्त रुप से प्रचलित रही है, ओर आज वो भी लुप्तप्राय हो गयी है,ओर जो कुछ उपलब्ध भी है,तो वो अधूरी व्यायाम पद्धति है,इसी सबके चलते स्वामी जी ने अपने विद्यार्थी जीवन मे व्यायाम के समय मे इस विद्या को ढूंढ निकाला और उसका पुर्नजागरण किया, जो सत्यास्मि मिशन में ‘पफ़्स्शी योग’ के नाम से जानी जाती है्।आजकल जो समाज मे प्रचलित लगभग 84 योगासन है,वे सब प्रचलित 84 योगासनो का उपयोग का विकास योगियो ने अधिकतर पशु ओर पक्षियों से लिये है,जो कि उन्हें अपने ध्यान से उठने के उपरान्त शरीर मे आयी जडता को मिटाने हेतु व समाधि मे जाने के लिये श्वास प्रश्वास कि मात्रा कम रहे,यो बनाया था,जो केवल ब्रह्मचर्य जीवन जीने वाले योगियो के लिये ही उपयोगी था, ना कि ग्रहस्थी जीवन जीने वालो को विशेष उपयोगी है तथा इसके विपरीत पफ़्स्शी योग की व्यायाम प्रणाली के लगभग 15 व्यायाम, अपार शरारिक बल प्राप्ति हेतु बनाये गये थे, जो अनादि राजा महाराजा से लेकर हनुमान जी,भीम,बलराम आदि से लेकर वर्तमान के 19 वी सदी के महाबली भीम रहे प्रो राममूर्ति नायडू व उनके शिष्य,दयाशंकर पाठक आदि ओर जर्मनी के सैण्डो जो वर्तमान कि बाँडिबिल्डिग के जनक है, इस पफ़्स्शी योग का कुछ अन्श कराटे व कूगफ़ू कि कलाओ मे भी देखा जाता है, ओर बाद मे स्वामी सत्येन्द्र जी ने इस पफ़्स्शी योग को ध्यानयोग कला मे विकसित किया है ताकि आम जीवन जीने वाले मनुष्य भी आध्यात्मिक व भोतिक बल प्राप्त कर सच्चा मनुष्य बन सके।पफ़्स्शी योग मे पाँच शक्तियाँ है- जो ओर योगो मे नही है।
पफसशी का अर्थ:-
1-प-प्राण
2-फ़-फ़ल या उच्चतम परिणाम
3-स-सही दिशा विधि क्रम
4-श-शक्ति
5-इ-इच्छा शक्ति॥
जिसे अँगरेज़ी मे इस प्रकार कहेंगे-
1-पावर
2-फ़ोर्स्
3-स्ट्रेन्थ
4 -स्टेमिना
5-एनर्जी॥
अन्य प्रचलित आज के योगो से केवल 2 या तीन शक्तियों कि प्राप्ति होती है-स्ट्रेन्थ-स्टेमिना या फ़ोर्स॥
एनर्जी व पावर केवल पफ़्स्शी योग से ही प्राप्त होती है, वो भी केवल 15 मिनट कि पन्द्रह एक्ससर्साइज से,जो बिना किसी मशीन या यन्त्र आदि के होती है। बहुत ही सहज सामान्य हैओर इसको बार बार नही दोहराया जाता है।पर इसकी प्रत्येक एक्सरसाइज में 9 स्टेज है।पर उनका अभ्यास ही मुख्य है,जो आपको केवल कुछ सप्ताह मे ही शक्तिवर्धक परिणाम देगा, ये किसी भी उम्र के व्यक्ति स्त्री व पुरुष कर सकता है ओर सर्वरोग नाश कर भरपूर बलिष्ठ प्राकर्तिक शरीर देने के साथ शीघ्र कुंडलिनी जाग्रत करता है,आओ इस पफ़्स्शी योग को अपनाये,ओर अपने जीवन को विस्वास भरा, शक्तिशाली और आनन्दित बनाये॥
यहाँ पफ़स्सि योग के लगभग सोलह व्यायाम चित्र दिए जा रहे हैं,जो स्वामी जी की योग एवं प्राणायाम पुस्तक में विस्तार से लिये दिए गए हैं…

योग एवं प्राणायाम पुस्तक:-

व्यायाम:-1-

व्यायाम:-2-

व्यायाम:-3-

व्यायाम:-4-

व्यायाम:-5-

व्यायाम:-6-

व्यायाम:-7-

व्यायाम:-8-

व्यायाम:-9-

व्यायाम:-10-

व्यायाम:-11-

व्यायाम:-12-

व्यायाम:-13-

व्यायाम:-14-

व्यायाम:-15-

व्यायाम:-16-

पफ़स्सि योग करते स्वामी सत्येंद्र सत्यसाहिब जी व अंजय तोमर चित्र:-

स्वामी सत्येंद्र सत्यसाहिब जी
जय सत्य ॐ सिद्धायै नमः
www.satyasmeemision.org

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