शुभ सत्यास्मि ज्ञान प्रातः

आँख बंद कर ध्यान करो तब दिखे घोर अंधकार। तम गुण व्रति शेष बहुत यो महनत अभी उजियार।। जो देखे मिश्रित रंग रंग आते जाते अनेक। अभी तम रज का मिश्रण योग मन अशुद्ध अभी नही है नेक।। जो देखे श्वेत प्रकाश चमक और चकाचोंधती ज्योत। शुद्धि मन उसकी बढ़ी...

Continue reading

शुभ सत्यास्मि ज्ञान प्रातः

शिष्य निज दुःख समाधान को जब पूछे सफल उपाय। तब द्रवित होकर श्री गुरु जो भी वचन बताये।। उस बताये वचन को शीघ्र करे और श्रद्धा रखे भरपूर। वही कृपा बन फलित हो दे मनचाहा फल प्रचूर।। गुरु शक्ति उस नाम है जो नर नारी संयुक्त। ये विशुद्ध महाशक्ति परम्...

Continue reading