4 मार्च 2019 सोमवार महाशिवरात्रि पर्व पर भक्तों के लिए शिव महिमा का अर्थ बताते स्व रचित शिवाष्टक भक्ति के माध्यम से स्वामी सत्येंद्र सत्यसाहिब जी और आश्रम में भक्तों द्धारा इस दिवस पर साय 5 से 6 तक यज्ञानुष्ठान है…
शिवाय शिवाय शिवाय्…
घनन घनन घन घोर घटा
सावल वर्ण आदित्य छटा।
ज्ञान परम् है मुख मुस्कान
आछंदित प्रभा किरण नटा।।
शिवाय शिवाय् शिवाय्..
तम् रज सत् त्रिशूल गुणी
मस्तक मध्य प्रज्ञा है मणि।
तीनों जग है केंद्र निवास
सुखासन सुखदायी घणी।।
शिवाय् शिवाय् शिवाय्…
गुंजयमान स्व ॐ है नाँद
कंठ न लांघता विषधर बाँध।
मन सिंहासन चरण है दास
चार धर्म सर चौथ है चाँद।।
शिवाय् शिवाय् शिवाय्…
गोरी बैठी वाम है अंग
सिंघी बाजे अमर अभंग।
डमरू देता बज त्रिताल
हिम धरा फूटता नित नव रंग।।
शिवाय् शिवाय् शिवाय्…
गंगा निकले जटा से फूट
हर हर कहती अमृतधारा।
निर्वाण द्धार से बह कल कल
दे लोक परलोक सुख सारा।।
शिवाय शिवाय् शिवाय्..
आनन्द के अश्नु रुद्राक्ष जने
पँच तत्व भस्म स्वीकार करो।
दिगम्बर हो कर व्योम धारण
अधिकार सभी दे प्रेम झरो।।
शिवाय् शिवाय् शिवाय्…
नर को नारायण बनाते शिव
कर्म को भक्ति रूपायन करो।
कंकर को शंकर बना लिंगी
शव में शक्ति भर शिव नाम धरो।।
शिवाय् शिवाय् शिवाय्…
सत्य हो सनातन स्वरूप
ॐ अरूप चैतन्य स्वमिव।
सिद्धायै हो स्वास्तिक सम्पूर्ण
नमः नाओहम एकमेव शिव।।
शिवाय् शिवाय् शिवाय्….
स्वामी सत्येंद्र सत्यसाहिब जी
जय सत्य ॐ सिद्धायै नमः
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