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गुरु कृपा का अर्थ

गुरु कृपा का अर्थ नहीं
कभी ना आये दुःख।
बल्कि बढ़े धीरज धर्म
और मिले अंत में सुख।।
सच्चा मार्ग पता चले
और कर्म संग ज्ञान।
विनम्रता सज्जन सहज गुण
बढ़े आत्म सम्मान।।
मानवता की समझ हो
मिटे जाति जीव भेद।
हम एक ईश्वर स्वरूप है
भिन्नता में भी अभेद।।
गुरु कृपा अमूल्य है
यही बिन परिश्रम पाये।
तभी गुरु जीवंत महाईश
बिन मांगे बने सहाय।।
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