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*श्रीमद् कूर्म भगवान अवतार आरती* *(श्री कच्छप अवतार जयंती)* *(वैशाख पूर्णिमा)*


(वैशाख पूर्णिमा)
ॐ जय कच्छप भगवान,प्रभु जय कच्छप भगवान।
सदा धर्म के रक्षक-2,भक्त का राखो मान।ॐ जय कच्छप भगवान।।
सत्यनारायण के अवतारा,पूर्णिमाँ तुम शक्ति-2.प्रभु पूर्णिमाँ..
विष्णु के तुम रूपक-2,द्धितीय ईश शक्ति।ॐ जय कच्छप भगवान।।
घटी जब देवो की शक्ति तब,सागर मंथन दिया उपाय-2..
मंद्राचल पर्वत को थामा-2,कच्छप पीठ अथाय।।ॐ जय कच्छप भगवान।।
वासुकि को मथनी बनाया,देव दैत्य आधार-2..
चौदह रत्न मथित हो निकले-2,अमृत मिला उपहार।।ॐ जय कच्छप भगवान।।
चतुर्थ धर्म ऋषियों को बांटा,विश्व किया कल्याण-2..
एकादशी व्रत को चलाया-2,भक्तों को दे ज्ञान।।ॐ जय कच्छप भगवान।।
महायोग का रहस्य है प्रकट,कच्छप मूलाधार भगवान-2..प्रभु..
मूल बंध लगा कर-2,चढ़ाओ अपने प्राण अपान।ॐ जय कच्छप भगवान।।
श्वास प्रश्वास देव दैत्य है,इनसे मंथन सागर काम-2.प्रभु..
सधे जीवन ब्रह्मचर्य-2,जगे कुंडलिनी बन निष्काम।ॐ जय कच्छप भगवान।।
चौदह रत्न इस योग मिलेंगे,लक्ष्मी अमृत स्वास्थ अपार-2..प्रभु..
नाँद शांति आत्म ज्ञान हो-2,कर्मयोग कूर्म अवतार।ॐ जय कच्छप भगवान।।
इष्ट देव तुम कुर्मी जाति,सनातन द्धितीय अवतार-2..
कर्मयोग के तुम हो ज्ञानी-2,दिया कर्मठता व्यवहार।।ॐ जय कच्छप भगवान।।
पँच कर्म ज्ञान कच्छप अवतारा,पँच इंद्री कर वशीभूत-2.प्रभु..
सदा रहो स्वं आवरण-2,ज्यों सिमटे कच्छप कूप।ॐ जय कच्छप भगवान।।
धीरे धीरे कर्म करो सब,राखों कर्मी ध्यान-2..
अंत लक्ष्य पर पहुँचे साधक-2,पचा कर्म फल मान।ॐ जय कच्छप भगवान।।
खीर प्रसाद बनाकर,ईश कच्छप भोग लगाय-2..प्रभु..
स्वान और निर्धन बांटो-2,दे पूर्णिमाँ मन वरदाय।ॐ जय कच्छप भगवान।।
जो पढ़े ज्ञान आरती कच्छप,पाये जगत सब मान-2..प्रभु..
मिले सभी कुछ खोया-2,अंत शरण हो कूर्म भगवान।ॐ जय कच्छप भगवान।।
बोलो?कच्छप भगवान की जय?

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